This speech was given by Chief Justice Yatindra Singh while inaugurating the Judicial Officers' Sports meet 2013
सुख दुःख हार जीत जीवन के अलग-अलग रंग हैं। महत्वपूर्ण बात है कि हम इन्हें किस प्रकार से जीवन में भरते हैं।
जीत में दम्भ नहीं, अहंकार नहीं; हार में टूटना नहीं; यही जीवन का मूल मंत्र हैं। यह बात खेल के मैदान से बेहतर किसी और जगह नहीं समझी जा सकती हैं।
खेल शरीर को स्वस्थ और मस्तिष्क को ताज़ा एवं संतुलित रखते हैं।
इन्हीं बातों को ध्यान में रखते हुए, इस खेल प्रतियोगिता का आयोजन किया गया हैं। आशा है आप इस प्रतियोगिता को खेल भावना से लेंगे।
इसी आशा, इसी कामना के साथ, इन खेलों के शुरू होने कि घोषणा करता हूं।
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